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भारत के लोक नृत्य

                       *भारत के लोक नृत्य


भारत
के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचलित लोककथाएँ, दंतकथाएँ और मिथक, स्थानीय गीत और नृत्य परंपराओं के साथ मिलकर एक समृद्ध मिश्रित कला का निर्माण करते हैं। लोक नृत्य आमतौर पर सहज, सरल और बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के किए जाते हैं। इनकी यह सादगी इन्हें एक अनूठी सुंदरता प्रदान करती है। ये नृत्य प्रायः किसी विशेष समुदाय या क्षेत्र तक सीमित रहे हैं, जहाँ इनकी परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रही है।

प्रसिद्ध लोक नृत्य:


👉छऊ नृत्य

  • "छऊ" शब्द 'छाया' से लिया गया है, जिसका अर्थ 'परछाई' होता है।
  • यह मुखौटे वाला नृत्य है, जिसमें पौराणिक कथाओं को मार्शल आर्ट जैसे आंदोलनों से प्रस्तुत किया जाता है।

इसकी तीन प्रमुख शैलियाँ हैं:

1. सरायकेला छऊ (झारखंड)


2. मयूरभंज छऊ (ओडिशा) - इसमें मुखौटे नहीं पहने जाते।

3. पुरुलिया छऊ (पश्चिम बंगाल)

💢2010 में इसे यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया।

👉गरबा

  • यह गुजरात का प्रसिद्ध लोक नृत्य है, जिसे नवरात्रि के दौरान किया जाता है।

  • 'गरबा' शब्द 'गर्भ दीप' से बना है, जिसमें एक मिट्टी के घड़े में दीप जलाकर उसके चारों ओर महिलाएँ नृत्य करती हैं।


👉डांडिया रास

  • यह एक ऊर्जावान नृत्य है, जिसमें डांडियों (लकड़ी की छड़ियों) का प्रयोग किया जाता है।

  • यह देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध को दर्शाने वाला प्रतीकात्मक नृत्य है।

👉तरंगमेल

  • यह गोवा का पारंपरिक लोक नृत्य है, जो दशहरा और होली के अवसर पर किया जाता है।
  • इसमें रंगीन परिधानों और ध्वजों का प्रयोग किया जाता है, जिससे यह एक भव्य दृश्य बन जाता है।


👉घूमर (गणगौर नृत्य)

  • यह राजस्थान के भील समुदाय की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला पारंपरिक लोक नृत्य है।
  • इसमें महिलाएँ चक्करदार घूमती हैं, जिससे उनके बहुरंगी घाघरे लहराने लगते हैं।

👉कालबेलिया
  • यह राजस्थान के कालबेलिया समुदाय की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला एक आकर्षक नृत्य है।
  • इसका प्रदर्शन साँपों की तरह लहराते हुए किया जाता है।
  • 2010 में इसे यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किया गया।
👉चरबा
  • यह हिमाचल प्रदेश का लोकप्रिय लोक नृत्य है, जो दशहरा उत्सव के दौरान किया जाता है।

👉भांगड़ा / गिद्धा

  • भांगड़ा पंजाब का प्रसिद्ध ऊर्जावान नृत्य है, जिसे ढोल की तेज बीट्स के साथ किया जाता है।

  • गिद्धा भांगड़ा का महिला संस्करण है, जिसे महिलाएँ समूह में करती हैं।

👉रासलीला

  • यह उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र का प्रसिद्ध लोक नृत्य है, जो श्रीकृष्ण और राधा की प्रेम कथाओं पर आधारित होता है।


👉दादरा

  • यह उत्तर प्रदेश का अर्ध-शास्त्रीय नृत्य है, जो उसी नाम के संगीत से जुड़ा हुआ है।
  • यह अवध क्षेत्र की तवायफों के बीच बहुत लोकप्रिय था।

👉जवारा
  • यह मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र का फसल कटाई का नृत्य है।
  • इसमें महिलाएँ सिर पर ज्वार से भरी टोकरी संतुलित रखते हुए नृत्य करती हैं।

👉मटकी नृत्य

  • यह मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला नृत्य है।
  • इसमें महिलाएँ शादी और अन्य उत्सवों के दौरान सिर पर मिट्टी के कई घड़े रखकर नृत्य करती हैं।
  • इसके प्रमुख रूप आड़ा नृत्य और खड़ा नृत्य हैं।

👉गौर मारिया नृत्य

  • यह छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में रहने वाली बाइसन हॉर्न मारिया जनजाति का अनुष्ठानिक नृत्य है।
  • इसमें पुरुष और महिलाएँ मिलकर समूह में नृत्य करते हैं।


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